भारत गठबंधन में ये कैसी कलह? यूपी में अकेले हैं अखिलेश, ममता को भी नहीं मिल रहा कोई ‘साथी’
2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को हराने का लक्ष्य लेकर चल रहे इंडिया अलायंस के बीच अंदरूनी कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिम बंगाल तक गठबंधन के नेता अलग-अलग राग अलाप रहे हैं. भारत गठबंधन में शामिल सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने दो टूक कहा कि पश्चिम बंगाल में किसी भी हालत में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ गठबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है.
बंगाल में अकेली क्यों हैं ममता?
येचुरी ने कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया अलायंस के बैनर तले बीजेपी से लड़ना जारी रखेगी, लेकिन पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं है. सीताराम येचुरी ने साफ कहा कि ममता बनर्जी या तृणमूल कांग्रेस बीजेपी का विकल्प नहीं हो सकतीं. जब भी मौका आएगा, ममता और उनकी पार्टी एनडीए और बीजेपी से समझौता कर लेगी. पहले भी ऐसा कर चुके हैं.
सीताराम येचुरी ने कहा कि टीएमसी भ्रष्ट और अलोकतांत्रिक है. पश्चिम बंगाल का उदाहरण लीजिए. यहां लोकतांत्रिक चुनाव का कोई मतलब नहीं है. हम इसी के खिलाफ लड़ रहे हैं।’ दूसरी ओर, कांग्रेस के करीबी सूत्रों का यह भी कहना है कि पार्टी की बंगाल इकाई के नेता ममता बनर्जी की पार्टी के साथ किसी भी तरह का गठबंधन नहीं चाहते हैं और उन्होंने आलाकमान को अपनी बात बता दी है.
उत्तर प्रदेश में भी कलह!
उत्तर प्रदेश में भी यही स्थिति है. भारतीय गठबंधन के प्रमुख चेहरों समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच पिछले कुछ दिनों से जुबानी जंग चल रही है. इस बीच कांग्रेस ने सपा को झटका दिया है. सपा के संस्थापकों में से एक और लखीमपुर खीरी से तीन बार सांसद रहे रवि प्रकाश वर्मा कांग्रेस से हाथ मिलाने को तैयार हैं. वर्मा उत्तर प्रदेश में सपा के प्रमुख ओबीसी नेता और कुर्मी समुदाय का चेहरा थे।
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कांग्रेस ने दिया सपा को झटका
वर्मा ऐसे समय में कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं जब हाल ही में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच तीखी बयानबाजी हुई थी. रवि प्रकाश वर्मा और उनकी बेटी पूर्वी वर्मा ने आरोप लगाया कि अखिलेश के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी जनता से कट गई है. जमीन पर कोई कनेक्शन नहीं है.
क्या यूपी में गठबंधन की कोई गुंजाइश नहीं?
उत्तर प्रदेश की राजनीति को करीब से समझने वालों का कहना है कि जिस तरह से रवि प्रकाश वर्मा समाजवादी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं, उससे लोकसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन की कोई संभावना नहीं है. रहा है।

उधर, मायावती की बहुजन समाज पार्टी पहले ही कह चुकी है कि वह किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी. बसपा भारत गठबंधन का हिस्सा भी नहीं है. ऐसे में हालात को देखकर ऐसा लग रहा है कि उत्तर प्रदेश में भारतीय गठबंधन अकेला रह गया है.
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पहले प्रकाशित: 5 नवंबर, 2023, 08:01 IST