कश्मीर मुद्दे पर ईरान ने छोड़ा पाकिस्तान का साथ ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने सिर्फ गाजा का जिक्र किया

कश्मीर मुद्दा: कश्मीर मुद्दे पर एक बार फिर पाकिस्तान को ईरान से करारा झटका लगा है. कश्मीर पर अड़े पाकिस्तान को ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने भाव तक नहीं दिया, जिसके बाद शाहबाज शरीफ के चेहरे पर निराशा छा गई. पाकिस्तान को लगा कि रायसी का भव्य स्वागत करके वह कश्मीर मुद्दे पर ईरान पर जीत हासिल कर लेगा, लेकिन मौके को भांपते हुए ईरानी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान की योजना पर पानी फेर दिया. अब इससे पाकिस्तान एक बार फिर परेशान हो गया है.

दरअसल, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी इस समय पाकिस्तान के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। इस बीच संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कश्मीर और गाजा का मुद्दा उठाया और कश्मीर के मुद्दे पर जबरन ईरान का समर्थन चाहा. इस दौरान रायसी ने पाकिस्तान की चाल को तुरंत भांप लिया और कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने गाजा का जिक्र किया लेकिन कश्मीर का नाम तक नहीं लिया. ईरानी राष्ट्रपति ने भारत और पाकिस्तान के साथ रिश्तों में संतुलन बनाए रखा.

भारत ईरान के रास्ते रूस तक व्यापार बढ़ा रहा है
ईरानी राष्ट्रपति ने कश्मीर मुद्दे पर ऐसे समय में संतुलन बनाया है जब भारत और ईरान के बीच रिश्ते बेहतर स्थिति में हैं. भारत ने ईरान के चाबहार बंदरगाह में अरबों का निवेश किया है और फिलिस्तीन के मुद्दे पर भी भारत और ईरान के बीच लंबी चर्चा हुई है। भारत ईरान के रास्ते रूस तक अपना व्यापार बढ़ा रहा है, जिससे रूस और मुंबई के बीच सीधी कनेक्टिविटी हो गई है। पाकिस्तान में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शहबाज शरीफ ने गाजा और कश्मीर के हालात को एक समान बताने की कोशिश की, लेकिन वह असफल रहे. पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा उठाने के लिए ईरानी राष्ट्रपति को धन्यवाद भी दिया, लेकिन रायसी ने कश्मीर के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा.

ईरान में एस जयशंकर का स्वागत किया गया
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रायसी ने गाजा का तो खुलकर जिक्र किया, लेकिन कश्मीर पर न बोलने से शाहबाज शरीफ को निराशा हाथ लगी. पाकिस्तान ईरान और भारत के रिश्तों में दरार पैदा करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन ईरानी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान की नापाक साजिश को नाकाम कर दिया. जनवरी महीने में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरान का दौरा किया था, इस यात्रा के दौरान ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर ने तेहरान में एस जयशंकर का जोरदार स्वागत किया था.

ईरानी राष्ट्रपति की पाकिस्तान यात्रा कितनी सफल रही?
भारत और पाकिस्तान के बीच ईरान के बीच अच्छे संबंध हैं, लेकिन कश्मीर मुद्दे पर ईरान का तटस्थ रवैया काफी अहम माना जाता है. ईरानी नेता ऐसे समय में पाकिस्तान पहुंचे हैं जब ईरान और इजराइल के बीच युद्ध जैसे हालात हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना ​​है कि ईरानी राष्ट्रपति का पाकिस्तान दौरा किसी भी हद तक सफल नहीं रहा है, क्योंकि दोनों देशों के बीच अभी भी खटास बरकरार है. उधर, अमेरिका ने ईरान के साथ कारोबार करने पर पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है.

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