देश का मूड एबीपी सी वोटर सर्वे एनडीए आंध्र प्रदेश में बड़ा खेल करेगा जहां बीजेपी 2019 के आम चुनावों में विफल रही थी वाईएसआरसीपी इंडिया कांग्रेस

एबीपी वोटर सर्वे 2024: जिस राज्य में पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी, वहां इस बार उसके नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बड़ा दांव खेल सकता है. मंगलवार (16 अप्रैल 2024) को एबीपी न्यूज और सी वोटर के सर्वे से इसके संकेत मिले. इस ओपिनियन पोल के जरिए आंध्र प्रदेश की जनता के मूड का अंदाजा लगाया गया है. ताजा सर्वे के नतीजे बेहद चौंकाने वाले हैं और ये बताते हैं कि एनडीए वहां की कुल 25 लोकसभा सीटों में से 20 सीटें जीत सकती है.

सर्वे के मुताबिक इस आम चुनाव में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को पांच सीटें मिल सकती हैं. नरेंद्र मोदी सरकार से मुकाबला करने के लिए बना विपक्ष का भारत गठबंधन भी खटाई में पड़ सकता है. सर्वे में वह मुंह की खाते नजर आ रहे हैं और ऐसी आशंका है कि वह खाता भी नहीं खोल पाएंगे, जबकि अन्य को भी कोई सीट मिलने की उम्मीद नहीं है. इस बार आंध्र प्रदेश में इस पार्टी का कितना वोट शेयर हो सकता है? सर्वे के मुताबिक, एनडीए को 47%, YSRCP को 40%, अन्य को 11% और इंडिया अलायंस को सिर्फ 2% वोट मिलने की संभावना है।

…तो इस तरह किया गया एबीपी न्यूज सी वोटर सर्वे

सी-वोटर ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एबीपी न्यूज के लिए यह सर्वे किया है. इस फाइनल ओपिनियन पोल के जरिए देश की जनता का मूड समझने की कोशिश की गई है. 11 मार्च 2024 से 12 अप्रैल 2024 तक किए गए इस सर्वे में 57 हजार 566 लोगों की राय ली गई. यह सर्वे लोकसभा की सभी 543 सीटों पर किया गया है और इसमें गलती का मार्जिन प्लस माइनस तीन से प्लस माइनस पांच फीसदी है.

आंध्र प्रदेश के सियासी मुकाबले में ये हैं दावेदार!

  • एनडीए खेमा (बीजेपी, टीडीपी और जेएसपी)
  • वाईएसआर कांग्रेस पार्टी
  • इंडिया ब्लॉक (इसमें कांग्रेस के नेतृत्व वाली कई स्थानीय पार्टियाँ शामिल हैं)

साल 2019 में आंध्र प्रदेश में क्या रहे चुनाव नतीजे?

2019 के लोकसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने 22 सीटें और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने तीन सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि राजनीतिक क्षेत्र में कड़ी मेहनत करने के बावजूद बाकी सभी पार्टियां अपना खाता भी नहीं खोल पाईं. . बीजेपी ने राज्य की सभी 25 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन उसे भी हार का सामना करना पड़ा. उस वक्त पार्टी का वोट शेयर 0.98 फीसदी था.

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