पाकिस्तान पंजाब सरकार ने शादमान चौक का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखने के लिए लाहौर हाई कोर्ट से समय मांगा है।

शहीद भगत सिंह: पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने शादमान चौक का नाम स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के नाम पर रखने के मुद्दे पर शुक्रवार को उच्च न्यायालय से और समय मांगा। लाहौर हाई कोर्ट के जस्टिस शम्स महमूद मिर्जा इस दौरान ‘भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान’ की एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।

समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) के मुताबिक, याचिका में शादमान चौक का नाम बदलकर भगत सिंह के नाम पर करने के अदालती आदेश का पालन नहीं करने के लिए प्रांतीय और जिला सरकार के तीन शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई की मांग की गई है.

हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया था

दरअसल, साल 2018 में हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को लाहौर के शादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने का आदेश दिया था. पंजाब सरकार के सहायक महाधिवक्ता इमरान खान ने सुनवाई के दौरान अदालत से कहा, “सरकार को स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर शादमान चौक का नाम रखने की अधिसूचना जारी करने के लिए और समय दिया जाना चाहिए।”

इस दिन याचिका पर सुनवाई होगी

याचिकाकर्ता के वकील खालिद जमा कक्कड़ ने दलील दी कि इस मामले में पहले ही काफी देरी हो चुकी है. हाई कोर्ट ने महाधिवक्ता इमरान खान की दलील को स्वीकार कर लिया और सुनवाई 7 जून तक के लिए स्थगित कर दी.

लाहौर में फाँसी दे दी गई

शहीद-ए-आजम भगत सिंह को 93 साल पहले 23 मार्च 1931 को लाहौर में फांसी दी गई थी। फाँसी के समय उनकी आयु मात्र 23 वर्ष थी। भगत सिंह के अलावा राजगुरु और सुखदेव को भी फाँसी दी गई। भारत में 23 मार्च को उनके शहादत दिवस के रूप में याद किया जाता है।

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