पूर्णिया लोकसभा सीट: महागठबंधन के वोटों पर पप्पू यादव चलाएंगे कैंची, अब क्या करेगी कांग्रेस?

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पप्पू यादव अभी भी पूर्णिया के चुनावी मैदान में, अब क्या करेगी कांग्रेस?
बिहार कांग्रेस ने दावा किया कि नामांकन वापस नहीं लेने पर कार्रवाई की जायेगी.

पूर्णिया. बिहार कांग्रेस नेताओं के बार-बार निर्देश के बावजूद पप्पू यादव पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश सिंह समेत कई नेताओं ने पप्पू यादव को लेकर बयान दिया था कि कांग्रेस नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख तक उनका इंतजार करेगी, लेकिन 8 अप्रैल तक तय समय सीमा खत्म होने के बावजूद पप्पू यादव ने नाम वापस नहीं लिया. उसका नामांकन. लिया। पप्पू यादव अभी भी कैंची चुनाव चिन्ह पर चुनाव मैदान में हैं. अब सवाल उठ रहा है कि अगर बीमा भारती के अलावा पप्पू यादव भी पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं तो क्या यह महागठबंधन के लिए सही होगा?

दरअसल, ये वही पप्पू यादव हैं जिन्होंने हाल ही में अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था. कांग्रेस की ओर से उन्हें आश्वासन दिया गया था कि वह पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार होंगे। लेकिन, महागठबंधन में सीट शेयरिंग में पप्पू यादव पिछड़ गए और बीमा भारती को राजद से टिकट मिल गया. इस संबंध में पूछे जाने पर बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और अन्य नेता भी कह रहे हैं कि पप्पू यादव कांग्रेस में शामिल नहीं हुए हैं क्योंकि उन्होंने औपचारिक रूप से कांग्रेस की सदस्यता स्वीकार नहीं की है.

साफ है कि जहां कांग्रेस पार्टी पप्पू यादव को लेकर राजद को संदेश दे रही है कि वह उनकी उम्मीदवारी के खिलाफ है, वहीं कांग्रेस द्वारा पप्पू यादव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करना सवालों के घेरे में है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या जिस नेता ने अपनी पूरी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया हो वो कांग्रेस का हिस्सा नहीं है? हालांकि, बिहार कांग्रेस के नेताओं को उम्मीद है कि पार्टी आलाकमान स्तर पर इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा और पप्पू यादव के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

वहीं कांग्रेस नेताओं के बयानों के उलट पप्पू यादव लगातार चुनाव मैदान में हैं और कैंची चुनाव चिन्ह के साथ पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में अपना परचम लहराने का दावा कर रहे हैं. पप्पू यादव अपने मामले और आजाद पर अघोषित हमले से भी पप्पू यादव चुप नहीं रहे और उन पर बीजेपी का समर्थन करने का आरोप लगाते नहीं थके. बहरहाल, पप्पू यादव का क्या होगा इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं. इन सबके अलावा पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में चुनावी लड़ाई अब दिलचस्प हो गई है.

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