बिहार के सभी 38 जिलों में आदेश जारी! अधिकारी रोजाना जांच करने निकलेंगे और हर शाम मुख्यालय को रिपोर्ट भेजेंगे.

पर प्रकाश डाला गया

इस संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया. जिला खनन पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में जांच करनी होगी. प्रतिदिन मुख्यालय को रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है.

पटना. बिहार की सबसे बड़ी समस्या पर सरकार सख्त हो गई है. बिहार सरकार ने सभी जिलों के अधिकारियों को रोजाना जांच करने और हर शाम मुख्यालय को रिपोर्ट भेजने का आदेश जारी किया है. गुरुवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य में अवैध बालू खनन की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए रोजाना जांच की जायेगी.

बिहार सरकार ने राज्य में बालू के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण को रोकने के लिए गुरुवार को सभी जिला खनन पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र के बालू घाटों का निरीक्षण करने और दैनिक आधार पर मुख्यालय को रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया. इस संबंध में निर्णय एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया जिसमें खान एवं भूतत्व विभाग और अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.

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दिन में जांच और शाम को रिपोर्ट
बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ‘राज्य भर के जिला खनन पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र के बालू घाटों का निरीक्षण कर दैनिक आधार पर मुख्यालय को रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है. बालू की ओवरलोडिंग से निपटने और अवैध परिवहन पर नजर रखने के लिए सभी नीलाम किए गए बालू घाटों पर बोर्ड लगाने और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की एकीकृत वजन मशीनें लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं।’

ट्रकों पर निगरानी रखी जायेगी
अधिकारियों को रेत खनन गतिविधि और खदान से डिपो और राज्य के अन्य निर्दिष्ट गंतव्यों तक रेत ले जाने वाले ट्रकों पर नजर रखने के लिए कहा गया है। जिन बालू घाटों की नीलामी नहीं हुई है, उन पर बोर्ड लगाने का निर्देश दिया गया है. इसका उद्देश्य राज्य में अवैध रेत खनन पर पूरी तरह से नियंत्रण लगाना है.

पुलिस अधिकारियों पर हमले
राज्य में रेत माफियाओं द्वारा हमले की घटनाएं देखी जा रही हैं, जिसमें पुलिसकर्मी और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी घायल हुए हैं। ऐसी घटनाएं मुख्य रूप से पटना, भोजपुर, रोहतास, औरंगाबाद, सारण और वैशाली जिलों से सामने आती हैं। बहरहाल, पूरे राज्य में अवैध रेत खनन एक बड़ी समस्या बन गयी है. इस पर नियंत्रण के लिए विशेष तैयारी की गयी है.

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