मुश्किल वक्त में लोग जाते हैं भगवान के पास…कांग्रेस नेताओं ने क्यों ठुकराया राम मंदिर का न्योता? रॉबर्ट वाड्रा ने दिया ये जवाब

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाद्रा ने खास बातचीत में राजनीति समेत कई मुद्दों पर कई सवालों के जवाब दिए। उनसे कांग्रेस नेताओं द्वारा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण स्वीकार नहीं करने को लेकर भी सवाल पूछा गया, जिस पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और हर धर्म का सम्मान करती है.

रॉबर्ट वाड्रा ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि कांग्रेस धर्म की राजनीति से दूर रहती है. ऐसे में कांग्रेस नेता नहीं चाहते कि देश टूटे. वाड्रा ने आईएएनएस से कहा, “जब लोग मुसीबत में होते हैं तो भगवान के पास जाते हैं। अगर वे बंटे हुए हैं कि उन्हें मंदिर आना है या मस्जिद या गुरुद्वारा, तो यह गलत होगा।”

राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर देखने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ‘भारत’ गठबंधन जो चाहेगा, साथ ही देश की जनता जो चाहेगी, वही प्रधानमंत्री बनेगा. लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राहुल के पास बहुत बुद्धि है. वाड्रा ने कहा, ”राहुल गांधी ने अपनी दादी, पिता, सोनिया जी से बहुत कुछ सीखा है, इसलिए वह निश्चित रूप से इसके हकदार हैं। अगर वह प्रधानमंत्री बनते हैं तो निश्चित रूप से देश में प्रगति होगी और देश में सांप्रदायिक तनाव दूर हो जाएगा।’

बड़े नेताओं का कांग्रेस से मोहभंग होने के सवाल पर रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, ”मुझे लगता है कि जो भी नेता जा रहे हैं उनमें या तो मेहनत करने की क्षमता नहीं है या उन्हें कोई लालच खींच रहा है या उन्हें मंत्री पद की पेशकश की जा रही है. इससे पता चलता है कि अगर वह मंत्री नहीं हैं तो उन्हें उनसे दिक्कत है. “ऐसे नेताओं को सिर्फ टिकट या पद चाहिए, तभी वे उस पार्टी में बने रहेंगे।”

कांग्रेस के घोषणापत्र में मुस्लिम लीग की छाप वाले प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर उन्होंने कहा कि आप किसी के भी घोषणापत्र पर कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन अब लोग प्रगति की ओर देख रहे हैं, लोग चाहते हैं कि नेता प्रगति की बात करें. जो समस्याएं हैं उन्हें सुधारने की बात करें. घोषणापत्र पर इतना जोर देने से उन्हें कोई फायदा नहीं होगा.

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