ये मुस्लिम देश आज चुनेगा अपना राष्ट्रपति, 59 हजार पोलिंग बूथ पर वोटिंग, ये देश है भारत का दोस्त

छवि स्रोत: फ़ाइल
ईरान के वर्तमान राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी

ईरान राष्ट्रपति चुनाव: भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में हाल ही में चुनाव हुए। लेकिन अभी तक प्रधानमंत्री पद के लिए शपथ नहीं ली गई है. भारत के मित्र और शिया देश ईरान में आज राष्ट्रपति चुनाव हैं. इस देश की जनता आज अपना राष्ट्रपति चुनने के लिए वोट करेगी. इसके लिए 59 हजार पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. संसदीय चुनाव की पूरी तैयारी कर ली गयी है.

2020 के संसदीय चुनावों के बाद देश को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस चुनाव को लोकतांत्रिक सुधारों, पश्चिमी देशों से विवादों और ख़राब अर्थव्यवस्था की कसौटी पर परखा जा रहा है. ये चुनाव ऐसे समय में हो रहे हैं जब ईरान अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहा है. इजराइल: हमास युद्ध के बीच इजराइल ने अमेरिका और उसके मित्र देशों से दुश्मनी मोल ले ली है. इतना ही नहीं हाल के दिनों में ईरान के अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ भी रिश्ते खराब हुए हैं. दोनों देशों ने एक-दूसरे के आतंकी ठिकानों पर हमले किए हैं.

ईरान में चुनाव प्रक्रिया क्या है?

ईरान में फ्रांसीसी चुनावी प्रणाली की तर्ज पर हर चार साल में चुनाव होते हैं। यदि पहले दौर के मतदान में किसी भी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से अधिक वोट नहीं मिलते हैं, तो दूसरे दौर में सबसे अधिक वोट पाने वाले दो उम्मीदवारों के लिए वोट डाले जाते हैं। मतदाताओं की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। करीब 8.5 करोड़ की आबादी वाले देश में 6.12 करोड़ से ज्यादा लोग वोट देने के पात्र हैं।

पोलिंग बूथ 10 घंटे तक खुला रहेगा

एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान में स्थानीय समयानुसार सुबह 8 बजे से वोटिंग शुरू होगी और पोलिंग बूथ 10 घंटे तक खुले रहेंगे. हालाँकि, अगर पहले के चुनावों पर नज़र डालें तो मांग के अनुसार अक्सर मतदान का समय बढ़ाया जाता रहा है। देशभर में 59 हजार मतदान केंद्र होंगे. इनमें से 5,000 केंद्र तेहरान में और 6,800 केंद्र तेहरान के व्यापक प्रांत में स्थापित किए गए हैं।

किसे चुना जाएगा?

ईरान में संसद की 290 सीटों के लिए 15,000 से ज्यादा उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. पहले इसे इस्लामिक कंसल्टेटिव असेंबली कहा जाता था. यहां सदस्यों का कार्यकाल चार वर्ष का होता है और संसद में पांच सीटें धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित होती हैं। संसदीय चुनावों के अलावा, ईरान के लोग आज 88 सीटों वाली विशेषज्ञों की विधानसभा के लिए भी मतदान करेंगे।

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