श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव में चीन की सेना का प्रतिनिधिमंडल, जानिए क्यों

चीन नवीनतम समाचार: पड़ोसी देश चीन एशिया में अपना दबदबा कायम करने के लिए लगातार नई चालें चल रहा है। इसी कड़ी में उसका एक प्रतिनिधिमंडल कई एशियाई देशों का दौरा कर चुका है. इसकी पुष्टि खुद चीन ने की है. प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि उन्होंने पड़ोसी देशों खासकर मालदीव, श्रीलंका, नेपाल और मालदीव का दौरा किया है. यात्रा के दौरान पड़ोसी देशों के साथ रक्षा मुद्दों पर भावी रक्षा सहयोग को लेकर चर्चा हुई.

वर्तमान समय में एशियाई क्षेत्र में भारत चीन का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी है। यही कारण है कि ड्रैगन पड़ोसी देशों को अपनी तरफ मिलाकर भारत को घेरने की हर संभव कोशिश कर रहा है। चीनी प्रतिनिधिमंडल ने 4 से 13 मार्च के बीच श्रीलंका और नेपाल की यात्रा के दौरान मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से विशेष मुलाकात की. इस दौरान उनके बीच अहम मुद्दों पर चर्चा हुई.

चीनी प्रतिनिधिमंडल के दौरे के बाद चीनी सेना ने भी अपने विचार साझा किये हैं. उन्होंने वीचैट अकाउंट के जरिए बताया है कि हमने तीनों देशों के सैन्य संबंधों और साझा चिंता के मुद्दों पर चर्चा की है.

हाल के दिनों में चीन सरकार पड़ोसी देशों के साथ अपने रिश्ते सुधारने में सफल रही है। इसका ताजा उदाहरण मालदीव है. एक समय था जब मालदीव भारत का अभिन्न मित्र राष्ट्र था, लेकिन अब चीन के प्रलोभन के कारण वह उसका विशेष मित्र राष्ट्र बन गया है।

चीन के दखल के कारण भारत और मालदीव के रिश्ते प्रभावित हुए हैं. आलम ये है कि दोनों देशों के बीच काफी विवाद चल रहा है. भारत के खिलाफ मुइज्जू का रुख लगातार नकारात्मक होता जा रहा है.

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