‘सीबीआई को राज्यों में जांच का आदेश कौन देता है?’ सुप्रीम कोर्ट का तुषार मेहता से सीधा सवाल, SG का सपाट जवाब

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में अक्सर ऐसे मामले आते रहते हैं, जिनके दूरगामी प्रभाव होते हैं। संविधान के प्रावधानों से जुड़े गंभीर सवालों को सुलझाने को लेकर भी विवाद उठते रहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ऐसे ही एक मामले की सुनवाई कर रहा है. यह मामला केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा राज्यों के अधिकार क्षेत्र के कथित उल्लंघन से जुड़ा है. केंद्र, केंद्रीय जांच एजेंसियों और राज्यों से जुड़े इस गंभीर मामले पर सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने तुषार मेहता से पूछे गंभीर सवाल. मामले की सुनवाई कर रही बेंच ने एसजी तुषार मेहता से पूछा कि केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को दूसरे राज्य में जाकर जांच करने का आदेश देने के लिए कौन अधिकृत है?

दरअसल, केंद्र ने पहले दावा किया था कि उसका सीबीआई पर कोई नियंत्रण नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इस दावे को नहीं माना और पूछा कि अगर केंद्र का सीबीआई पर नियंत्रण नहीं है, तो प्रमुख जांच एजेंसी को जांच के लिए दूसरे राज्यों में कौन भेजता है? जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने एक बार फिर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से यह सवाल पूछा. पीठ ने कहा, ‘सीबीआई को दूसरे राज्य में जाकर जांच शुरू करने का निर्देश देने का अधिकार किसके पास है?’ एसजी तुषार मेहता ने स्पष्ट और सीधा जवाब दिया. तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार अधिकृत है.

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अनुच्छेद 131 के तहत सुप्रीम कोर्ट में याचिका
पश्चिम बंगाल ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस अनुच्छेद के तहत सर्वोच्च न्यायालय को केंद्र बनाम राज्य या केंद्र बनाम एक से अधिक राज्य या राज्य बनाम राज्य से संबंधित मुद्दों पर विचार करने और निर्देश देने का अधिकार है। पश्चिम बंगाल ने केंद्र सरकार पर उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाले मामलों में दखल देने का आरोप लगाया है. पश्चिम बंगाल का कहना है कि मामले की एकतरफा जांच के लिए सीबीआई को आदेश दिया जा रहा है. राज्य ने दिल्ली पुलिस अधिनियम के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा अपनी अनुमति वापस लेने के बावजूद केंद्र ने राज्य में सीबीआई की तैनाती बंद नहीं की.

तुषार मेहता ने कहा- याचिका खारिज की जानी चाहिए
सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पश्चिम बंगाल की याचिका कोर्ट में चलने योग्य नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जाना चाहिए. उन्होंने दलील दी कि इस मामले में केंद्र को गलत तरीके से प्रतिवादी बनाया गया है. मामले की सुनवाई कर रही बेंच के सामने दलील देते हुए तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता ने सीबीआई को ‘संघ की पुलिस फोर्स’ बताया है जो गलत है. सीबीआई कहां और कैसे जांच करे, इसमें केंद्र की कोई भूमिका नहीं है.

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