सीमा पर जमीनी हालात बदलने की कोशिश में चीन ने “शक्सगाम घाटी” में शुरू किया अवैध निर्माण, भारत ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

छवि स्रोत: विदेश मंत्रालय
शक्सगाम घाटी में चीन के अवैध निर्माण पर विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया.

नई दिल्ली: चीन ने भारत की सीमा से सटी शक्सगाम घाटी में अवैध निर्माण शुरू कर दिया है. इससे भारत और चीन के बीच हालात एक बार फिर तनावपूर्ण होने लगे हैं. चीन की इस अवैध निर्माण गतिविधि को लेकर भारत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. भारत ने चीन की इस कोशिश को ज़मीनी हालात को बदलने की कोशिश बताया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि शक्सगाम घाटी भारत की है, वहां चीन की कोई भी गतिविधि अस्वीकार्य है. हमें अपनी सुरक्षा करने का अधिकार है.

बता दें कि भारत ने जमीनी स्थिति को बदलने के “अवैध” प्रयास के तहत शक्सगाम घाटी में निर्माण गतिविधियों को अंजाम देने पर चीन के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने गुरुवार को कहा कि शक्सगाम घाटी भारत का हिस्सा है और नई दिल्ली ने 1963 के तथाकथित चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते को कभी स्वीकार नहीं किया, जिसके माध्यम से इस्लामाबाद ने “अवैध रूप से” क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। इसे बीजिंग को सौंपने की कोशिश की गई.

चीन जमीनी हालात बदलने की कोशिश कर रहा है

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जयसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”हमने लगातार चीन की इस कार्रवाई के प्रति अपनी असहमति व्यक्त की है. “हमने ज़मीनी स्तर पर तथ्यों को बदलने के अवैध प्रयासों के ख़िलाफ़ चीनी पक्ष के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया है।” उन्होंने कहा, “हम अपने हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं।” शक्सगाम घाटी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) का हिस्सा है। लेकिन ये भारत का है. (भाषा)

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