DNA तकनीक का चमत्कार, मिले जॉर्ज वॉशिंगटन के वंशजों के अवशेष, अब अमेरिकी सैनिकों के होंगे खास काम

अमेरिका के प्रसिद्ध पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन के परिवार के वंशजों के अवशेषों का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने नई डीएनए तकनीकों का उपयोग करने में बड़ी सफलता हासिल की है। यह सफलता अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया में हेरवुड परिवार के कब्रिस्तान से मिली बिखरी हड्डियों के अध्ययन में मिली है। अब शोधकर्ताओं का कहना है कि वे इस तकनीक का इस्तेमाल अमेरिकी सैनिकों के लिए एक खास मकसद से करेंगे।

डीएनए तकनीक का चमत्कार, खोजे गए जॉर्ज वाशिंगटन के वंशजों के अवशेष, अब अमेरिकी सैनिकों के लिए होंगे खास काम – डीएनए तकनीक से पहचानी जॉर्ज वाशिंगटन के परिवार के सदस्यों के अवशेष, अब अमेरिकी सैनिक

इसके बाद इन तकनीकों का इस्तेमाल उन अमेरिकी सैनिकों के अवशेषों की खोज में किया जाएगा जो द्वितीय विश्व युद्ध तक दुनिया भर में लड़ी गई लड़ाइयों में अमेरिका के लिए मर गए। अध्ययन के प्रमुख लेखक, सशस्त्र बल चिकित्सा परीक्षक प्रणाली के सशस्त्र बल डीएनए पहचान प्रयोगशाला (एएफएमईएस-एएफडीआईएल) के कर्टनी कैवगिनो का कहना है कि हरेवुड रसायन अवशेषों के परीक्षण की सफलता ने उन्हें यह कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।

इन डीएनए तकनीकों से इतिहास के कई रहस्यों को सुलझाया जा सकता है। (प्रतीकात्मक फोटो: शटरस्टॉक)

वर्तमान में, रोजमर्रा के मामलों में उपयोग के लिए इन तकनीकों को मान्य करने के लिए प्रयोगशाला में काम किया जा रहा है। एएफएमईएस-एएफडीआईएल अब अमेरिकी रक्षा विभाग की एकमात्र मानव अवशेष डीएनए प्रयोगशाला है। यह दैनिक कार्यों के साथ-साथ सैन्य इकाइयों के सदस्यों की पहचान करने जैसे कार्यों में भी मदद करता है।

हाल ही में एएफएमईएस-एएफडीआईएल टीम ने हरेवुड कब्रिस्तान की कब्रों में पाए गए अवशेषों की पहचान की। इसमें वैज्ञानिकों ने बहुत सारे डीएनए परीक्षण किये जिसमें जॉर्ज वाशिंगटन के परिवार के सदस्यों के अवशेष भी शामिल थे। इसके लिए उन्होंने कई जीवित वंशजों के डीएनए की भी मदद ली।

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अब इस परीक्षण की सफलता के बाद इन तकनीकों का उपयोग द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से जहां भी अमेरिकी सैनिकों ने लड़ाई लड़ी है, वहां अपनी जान गंवाने वाले सैनिकों के अवशेषों की खोज और पहचान के लिए किया जाएगा। इसके अलावा प्रौद्योगिकियों के अन्य उपयोगों पर भी शोध किया जाएगा।

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