चुनाव 2023 में कांग्रेस ने तीन हिंदी हार्टलैंड राज्य खो दिए, जिसके बाद पार्टी ने डीएमके को भविष्य में ऐसे बयान न देने की सलाह दी।

कांग्रेस ने डीएमके को दी सलाह: आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए इंडिया अलायंस की गतिविधियां तेज हो सकती हैं. इससे पहले कांग्रेस ने अपने गठबंधन सहयोगी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) को भविष्य में अपने बयानों को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है. खासकर उन बयानों पर जिनकी वजह से हाल ही में कांग्रेस पार्टी को ‘हिंदी बेल्ट’ राज्यों में भारी राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ा है.

अगले साल की पहली छमाही में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में सभी राजनीतिक दल जुटे हुए हैं. 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब विपक्षी दलों का ‘इंडिया अलायंस’ भी आम चुनाव के लिए अपनी रणनीति बनाने में जुट गया है. हालांकि, इससे पहले कांग्रेस ने अपनी लाइन साफ ​​कर दी है और डीएमके को अतीत में दिए गए बयानों पर भविष्य में अधिक सतर्क रहने की सलाह दी है.

हिंदी पट्टी के राज्यों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा.

दक्षिण भारतीय राज्यों में मजबूत पकड़ रखने वाली और भारत गठबंधन का हिस्सा एमके स्टालिन की पार्टी डीएमके के नेताओं ने कई ऐसे बयान दिए, जिन पर कांग्रेस रक्षात्मक मुद्रा में रहते हुए आगे बढ़ी है. उनके नेताओं की ओर से ये बयान उस समय आए जब कांग्रेस 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव लड़ रही थी.

इन सभी बयानों पर कांग्रेस ने चुप्पी साध रखी थी, जिसका बीजेपी ने चुनावी दंगल में भरपूर फायदा उठाया. इसका नतीजा 3 मार्च को आए 4 राज्यों (मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना) के चुनाव नतीजों में साफ नजर आया। तेलंगाना को छोड़कर बाकी तीनों हिंदी भाषी राज्यों में कांग्रेस फेल हो गई। सबसे बड़ा नुकसान राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता खोने का हुआ है.

डीएमके के बयानों ने कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया है

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना ​​है कि डीएमके नेता और तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के ‘सनातन धर्म’ वाले बयान से कांग्रेस को चुनाव में काफी नुकसान हुआ, खासकर हिंदी पट्टी के राज्यों में.

बीजेपी और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी जनसभाओं में ‘इंडिया अलायंस’ के सहयोगी दलों के सनातन धर्म को नष्ट करने के बयानों को लेकर कांग्रेस पर खूब निशाना साधा. अपने चुनावी भाषणों में पीएम मोदी ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि वह ऐसे दलों का समर्थक और सहयोगी है, जो लगातार देश में सनातन धर्म और हिंदू धर्म के खिलाफ जहर उगलते रहे हैं.

डीएमके सांसद के ‘गौमूत्र राज्य’ वाले बयान से कांग्रेस भी आहत

हिंदी पट्टी के 3 राज्यों में हार का दर्द झेल रही कांग्रेस का जख्म डीएमके के धर्मपुरी लोकसभा सीट से सांसद एस. सेंथिल कुमार के हाल ही में संसद में ‘गौमूत्र राज्य’ वाले बयान ने ताजा कर दिया. इस पर कांग्रेस की ओर से तो कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सेंथिल कुमार को कड़ी फटकार लगाई थी. सांसद ने एक बयान जारी कर इस बयान के लिए माफी भी मांगी. इससे पहले भी कई अन्य बयानों से कांग्रेस को सियासी नुकसान हो चुका है.

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