दर्पण वास्तु टिप्स: घर में कहां लगाएं दर्पण? वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करें, अन्यथा सुख-शांति नष्ट हो जाएगी।

नई दिल्ली (मिरर वास्तु टिप्स),ज्यादातर लोग अपनी सुविधा के अनुसार घर में शीशा रखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर में शीशा रखते समय उसकी दिशा और स्थिति का ध्यान रखना जरूरी होता है। दरअसल, दर्पण सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की ऊर्जा को आकर्षित करता है। सही दिशा में रखा दर्पण सकारात्मकता को बढ़ावा देता है। इससे आप समझ सकते हैं कि घर में दर्पण लगाने से वहां रहने वाले लोगों के मूड और जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है।

आजकल लोग घर बनवाते समय या नए घर में शिफ्ट होते समय वास्तु के नियमों का पालन करते हैं। अगर आप घर में नया शीशा लगवा रहे हैं तो उसे वास्तु के नियमों के अनुसार ही लगवाएं। गलत दिशा में रखा दर्पण आपकी जिंदगी बर्बाद कर सकता है। मशहूर वास्तुशास्त्री डॉ. स्मिता नारंग से जानिए घर में कहां लगाना चाहिए दर्पण। घर में दर्पण लगाते समय दिशा और दशा का ध्यान रखने से जीवन में सुख, शांति और बरकत बढ़ती है।

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दर्पण वास्तु टिप्स: क्या हम शयनकक्ष में दर्पण लगा सकते हैं?
वास्तु शास्त्र के अनुसार सोने वाले कमरे यानि शयनकक्ष में दर्पण नहीं रखना चाहिए। शयनकक्ष (दक्षिण-पश्चिम दिशा) में दर्पण लगाने से रिश्तों में कलह बढ़ती है। इससे उस कमरे में रहने वाले लोगों का व्यवहार भी एक-दूसरे के प्रति अच्छा नहीं रहता है। फिर भी यदि शयनकक्ष में दर्पण रखना बहुत जरूरी हो तो उसे ढककर रखें। उपयोग में न होने पर इसे अलमारी के पीछे छिपाकर रखना चाहिए। सोते समय आपके पैर या शरीर का कोई भी हिस्सा शीशे में नहीं दिखना चाहिए।

बेडरूम वास्तु टिप्स: क्या बिस्तर के सामने दर्पण रखा जा सकता है?
जैसा कि हमने पहले ही बताया कि शयनकक्ष में दर्पण नहीं होना चाहिए। लेकिन अगर किसी कारणवश आपको शयनकक्ष में दर्पण लगाना पड़े तो इसे बिस्तर के सामने न रखें। दरअसल, वास्तु के अनुसार बिस्तर के ठीक सामने दर्पण रखना सही नहीं माना जाता है। इससे शादीशुदा जोड़े के बीच तनाव बढ़ सकता है। जो महिलाएं गर्भधारण की योजना बना रही हैं उनके लिए परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए बिस्तर के सामने शीशा न ही रखें तो बेहतर होगा।

ड्रेसिंग रूम वास्तु: ड्रेसिंग रूम में दर्पण कहाँ रखें?
अगर आपके पास जगह है तो अपने घर में एक अलग ड्रेसिंग एरिया बनाएं। मास्टर बेडरूम के साथ अटैच्ड ड्रेसिंग रूम बनाना बेहतर रहेगा। इस ड्रेसिंग रूम में उत्तर या पूर्व दिशा की ओर वाली दीवार पर दर्पण लगाएं। यह दर्पण 4 से 5 फीट ऊंचा होना चाहिए। ड्रेसिंग रूम में ज्यादा सामान न रखें. आपके पास जो भी सामान और जगह है, उसे अच्छे से व्यवस्थित करें। आजकल बाजार में जगह बचाने वाले स्टोरेज बहुत हैं, आप उनका इस्तेमाल कर सकते हैं।

शयनकक्ष वास्तु दिशा: उत्तर या पूर्व दिशा वाले शयनकक्ष में दर्पण कहाँ लगाएं?
दर्पण को शयनकक्ष में उत्तर या पूर्व दिशा की ओर या उत्तर/पूर्व दिशा की दीवार पर लगाना चाहिए। इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि दर्पण की छाया कमरे के प्रवेश द्वार पर न पड़े। वास्तु में प्रवेश द्वार पर पड़ने वाली दर्पण की छाया को शुभ नहीं माना जाता है। इन बातों का ध्यान रखने से आपके वैवाहिक जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और आपका आपसी प्रेम और विश्वास भी बढ़ेगा।

बच्चों के शयनकक्ष का वास्तु: बच्चों के कमरे में दर्पण कहां लगाएं?
अब बच्चों को छोटी उम्र से ही अलग कमरा मिल जाता है। बच्चों के बेहतर जीवन के लिए उनके कमरे में भी वास्तु टिप्स का ध्यान रखना चाहिए। बच्चों के कमरे में शीशा लगाते समय सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। वास्तु के अनुसार, दर्पण को सही दिशा में न रखने से बच्चों की शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और उनके व्यवहार में नकारात्मक बदलाव आने की संभावना रहती है। गलत दिशा में रखा दर्पण बच्चों की एकाग्रता को कम कर सकता है।

गृह वास्तु टिप्स: घर में दर्पण लगाने के लिए कुछ सुझाव
घर में शीशा लगाते समय कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। दर्पण सिर्फ वह नहीं है जिसके सामने खड़े होकर हम खुद को संवारते हैं। घर में इस्तेमाल होने वाली कई अन्य चीजों में भी दर्पण का इस्तेमाल किया जाता है।

1- टीवी स्क्रीन और कंप्यूटर स्क्रीन भी कांच की तरह होती है. इसलिए इन्हें भी सही दिशा में रखना जरूरी है। ऐसा न करने से आपकी नींद पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। जब भी ये उपयोग में न हों और रात को सोते समय इन्हें ढककर रखें। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आपको अधिक सुस्ती महसूस होने लगेगी।

2- डिजाइनर बेड के हेडबोर्ड के पास मिरर लगाने का चलन है. लेकिन वास्तु शास्त्र में इन्हें अच्छा नहीं माना जाता है। बिस्तर के सिरहाने पर लगे दर्पण उस पर सोने वालों को बेचैनी का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा यह अच्छी नींद में भी बाधा डाल सकता है।

3- लेटेस्ट इंटीरियर ट्रेंड्स में फॉल्स सीलिंग पर भी मिरर लगाने का ट्रेंड है. फॉल्स सीलिंग पर लगे इन शीशों की छाया फर्श और बिस्तर पर पड़ती है। इस प्रकार की छाया उस घर के सदस्यों के बीच तनाव पैदा करके अशांति का माहौल पैदा कर सकती है। इसलिए घर की फॉल्स सीलिंग पर शीशा ना लगाएं।

4- घर में रखे टूटे हुए शीशे नकारात्मकता का संकेत होते हैं. यदि आपके घर में कोई दर्पण है जो किसी काम का नहीं है, टूटा हुआ है या जंग लगा हुआ है तो उसे हटा दें। इस प्रकार का दर्पण घर की सुख-शांति को नष्ट कर सकता है।

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