बाइडन और शी जिनपिंग की मुलाकात से पहले चीन ने दिया कड़वा बयान/बाइडेन और शी जिनपिंग की संभावित मुलाकात से पहले चीन ने दिया ये कड़वा बयान, अब क्या होगा?

छवि स्रोत: एपी
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच संभावित मुलाकात को लेकर चीन की ओर से बड़ा बयान सामने आया है। चीन के इस बयान से अमेरिका भी सन्न रह गया है. चीन के विदेश मंत्री का मानना ​​है कि शी जिनपिंग और जो बाइडेन के बीच संभावित मुलाकात के लिए ‘राह आसान नहीं होगी’. सकारात्मक नतीजों की उम्मीद भी बहुत कम है. चीनी विदेश मंत्रालय के इस बयान के बाद आगे क्या होगा इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. लेकिन तनाव के बीच दोनों देशों को रिश्ते सुधारने में फायदा दिख रहा है. चीन के मुताबिक नतीजे तक पहुंचने के लिए दोनों पक्षों को मिलकर काम करना होगा. चीन के विदेश मंत्रालय ने रविवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने वाशिंगटन की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन के साथ बिडेन से भी मुलाकात की।

इस दौरान दोनों पक्ष नवंबर में सैन फ्रांसिस्को में होने वाले एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग मंच (एपीईसीएफ) शिखर सम्मेलन के मौके पर द्विपक्षीय बैठक पर काम करने पर सहमत हुए। चीन के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में ‘अमेरिकी रणनीतिक समुदाय’ के सदस्यों के साथ हुई चर्चा का सारांश दिया गया। वांग ने कहा कि द्विपक्षीय बैठक की राह “आसान” नहीं होने वाली है और उन्हें इसके लिए “सहजता” पर भरोसा नहीं करना चाहिए। वांग की तीन दिवसीय वाशिंगटन यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब उच्च प्रौद्योगिकी निर्यात पर अमेरिकी प्रतिबंध और पूर्व और दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक व्यवहार सहित विभिन्न मुद्दों पर दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है।

ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच विवाद जारी है

बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों के बीच कई मुद्दे हैं जिन्हें हल करने की जरूरत है, लेकिन दोनों पक्षों का मानना ​​है कि अमेरिका और चीन के बीच बातचीत बनाए रखना दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद और जरूरी है। विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, पिछले साल जी20 शिखर सम्मेलन में शी जिनपिंग और बिडेन की पिछली मुलाकात का जिक्र करते हुए वांग ने कहा कि चीन और अमेरिका को “बाली लौटने” की जरूरत है। बाली में दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने ताइवान, अमेरिका-चीन व्यापार तनाव के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग के मुद्दों पर भी चर्चा की। (भाषा)

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