राय: एक और कूटनीतिक सफलता की ओर बढ़ रही मोदी सरकार, ईरान की हिरासत से जल्द रिहा होंगे 17 भारतीय

नई दिल्ली: हाल ही में नरेंद्र मोदी सरकार की सफल कूटनीति का नतीजा सामने आया, जब कतर में मौत की सजा पाए 8 पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों की रिहाई संभव हो सकी. वह सकुशल घर लौट आये. इन सबके साथ ही ईरान और इजराइल के बीच चल रहे तनाव के बीच इजराइल का एक मालवाहक जहाज इन दिनों सुर्खियों में है. आपको बता दें कि इजरायल के इस मालवाहक जहाज पर ईरान ने कब्जा कर लिया है। इस जहाज पर कुल 25 लोग सवार हैं, जिनमें से 17 भारतीय हैं और एक महिला भी है।

अब इस मामले में भी भारतीय कूटनीति और भारतीय विदेश नीति की एक और बड़ी जीत देखने को मिल रही है. भारत सरकार जहाज पर ईरान द्वारा पकड़े गए भारतीयों की सुरक्षित रिहाई का रास्ता तलाश रही है। होर्मुज जलडमरूमध्य के पास ईरान ने एक इजरायली जहाज को अपने कब्जे में ले लिया है. इस जहाज पर 17 भारतीयों के मौजूद होने की जानकारी के बाद भारत का विदेश मंत्रालय सक्रिय हो गया और अब इस मामले पर ईरान के विदेश मंत्री ने भी बयान दिया है.

इस मामले को लेकर ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियान ने कहा कि भारतीय अधिकारियों को मालवाहक जहाज पर मौजूद 17 भारतीयों से मिलने की अनुमति दी जाएगी. अमीर-अब्दुल्लाहियान ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर को फोन कर यह जानकारी दी. वहीं जयशंकर ने इस मालवाहक जहाज पर सवार भारतीय चालक दल के सदस्यों को रिहा करने को कहा था.

खबरों के मुताबिक, 17 देशवासियों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए भारतीय अधिकारी ईरान से संपर्क में हैं. इसके साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरान द्वारा पकड़े गए मालवाहक जहाज पर सवार 17 भारतीय चालक दल के सदस्यों को वापस लाने का पूरा भरोसा जताया है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी देश ही नहीं विदेश में भी काम करती है.

इससे पहले चाहे वह रूस और यूक्रेन के युद्धग्रस्त इलाकों से हो, फिलिस्तीन-इजरायल युद्ध के दौरान सूडान में फंसे भारतीयों को निकालना हो या फिर कोविड महामारी के दौरान विदेश में फंसे नागरिकों को वापस लाना हो, मोदी सरकार ने यह काम बार-बार किया है। ये करके दिखाया है. आपको बता दें कि यह नरेंद्र मोदी सरकार की सफल विदेश नीति का ही नतीजा है कि हम हर आपात स्थिति में दुनिया के किसी भी कोने से विदेश में फंसे भारतीयों को निकालने में सक्षम हैं। इतना ही नहीं, भारत ने भारतीय नागरिकों के अलावा विदेशी नागरिकों को भी ऐसी स्थितियों में हरसंभव मदद दी और अपने नागरिकों के साथ-साथ दूसरे देशों के नागरिकों को भी सुरक्षा प्रदान की और उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला।

पूरी दुनिया में जहां भी किसी तरह का संकट या आपदा आई, मोदी सरकार भारतीयों को वहां से निकालने में सफल रही और इसे उनकी कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा सकता है। भारत सरकार का विदेश मंत्रालय दुनिया भर के संकटग्रस्त देशों में फंसे अपने नागरिकों को बचाने के लिए बचाव अभियान चला रहा है। पिछले नौ वर्षों में विदेश मंत्रालय ने कई देशों से हजारों भारतीयों को सुरक्षित निकाला है।

मोदी सरकार ने ऑपरेशन गंगा के तहत युद्धग्रस्त यूक्रेन से 22,500 से अधिक भारतीयों को निकाला। इसी तरह, ऑपरेशन कावेरी के तहत 2023 में सूडान में फंसे 3,800 से अधिक भारतीयों को वहां से निकाला गया। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने के साथ, वर्ष 2021 में ऑपरेशन देवी शक्ति के तहत लगभग 1,200 लोगों को सुरक्षित उनके वतन वापस लाया गया। इन लोगों में अफगान हिंदू/सिख अल्पसंख्यक समुदाय के 206 अफगानी भी शामिल थे।

यमन में जब सरकार और हौथी विद्रोहियों के बीच युद्ध छिड़ा तो 2015 में मोदी सरकार द्वारा चलाए गए ऑपरेशन राहत के तहत करीब 5,600 लोगों को वहां से निकाला गया था. फरवरी 2019 में विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को पाकिस्तान से सुरक्षित वापस लाया गया था. इसके साथ ही कोरोना महामारी के दौरान विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए मोदी सरकार ने वंदे भारत मिशन लॉन्च किया था. इस मिशन के तहत लाखों भारतीयों को स्वदेश वापस लाया गया।

2015 में नेपाल में आए भूकंप के बाद सरकार की ओर से ऑपरेशन मैत्री चलाया गया था. इसके तहत सेना और वायुसेना के संयुक्त ऑपरेशन में 5,000 से ज्यादा भारतीय सुरक्षित घर लौट आए. इस दौरान भारतीय सेना ने अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और जर्मनी से 170 विदेशी नागरिकों को भी सफलतापूर्वक निकाला था। (आईएएनएस इनपुट के साथ)

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